MATHS IN DAILY LIFE
दैनिक जीवन में गणित
‘गणित'(MATHS),उफ़…कितना कठिन शब्द है ये उन लोगों के लिए जिन्हें गणित पढ़ना
पसंद नहीं। क्या आपको भी गणित विषय पसंद नहीं ? यदि नहीं तो आपके दिमाग में भी
ये प्रश्न उठा होगा कि आखिर गणित रोजमर्रा की जिंदगी में कहां काम आती है ? आखिर
क्यों पढ़नी पड़ती है गणित (MATHS) ?
दोस्तों ,आपको यह बता दें कि ना चाहते हुए भी गणित आपकी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा
है। हम आपको नीचे कुछ सामान्य स्थितियां दे रहे है। आप खुद उन स्थितियों को अपने
जीवन से जोड़कर देखिये और फिर से सोचिए कि आखिर गणित क्यों जरुरी है ?
स्थिति-I (हिसाब -किताब में सहायक)
दोस्तों ,क्या आप सोच सकते है कि गणित के अंको के बगैर हम रुपय-पैसे का हिसाब-
किताब कैसे कर पाते ? चलो हम कोई किराणा की दुकान पर गए। वहां हमे चावल खरीदने
है। दुकानदार को क्या कहेंगे ? कितने चावल चाहिए ? आपके दिमाग में इस वक्त इस प्रश्न के
लिए जितने भी जवाब घूम रहे है ,उन सब में गणित (MATHS)का अंक जरूर आ रहा होगा।
चलो चावल जैसे तैसे खरीद भी लिए। पर उसका मूल्य कैसे चुकाओगे ?क्या गणित की जोड़-
घटाव के बगैर सम्भव है ? बिल्कुल नहीं।
स्थिति-II (अन्य विषय में सहायक)
रेणुका एक हिन्दी की अध्यापिका है। वह पाठ संख्या-5 (अरे यह तो एक संख्या है) पढ़ाना चाहती
है। वह बच्चों को पेज न. 107 (यह भी संख्या) खोलने को कहती है। क्या अंक ज्ञान के बगैर बच्चों
के लिए ऐसा करना सम्भव है ? मतलब हिन्दी विषय पढ़ने के लिए भी गणित (MATHS)के अंक
सहायता कर रहे है। है ना।
स्थिति-III (भवन निर्माण में सहायक)
राकेश घर बनवाना चाह रहा है। वह सोच रहा है कि घर में कितने कमरे बनेंगे ?घर की लम्बाई ,
चौड़ाई ,ऊंचाई क्या रहेगी ? कितनी ईंटो की आवश्यकता होगी ?सीमेंट के कितने कट्टे लगेंगे ?
कुल कितना खर्चा बैठेगा ?आदि-आदि। क्या राकेश के इन सभी प्रश्नो का उत्तर आप बिना गणित
(MATHS) की सहायता के दें सकते है ? सोच कर देखिए।
स्थिति-IV (घर सज्जा में सहायक)
प्रिया अपने घर का डेकोरेशन करना चाह रही है। वह सोच रही है कि कितने पर्दे बनवाने है ?
किस नाप के बनवाने है ? किस आकृति की फोटोफ्रेम अच्छी लगेगी ? सोफे के कवर किस
नाप के होंगे ? कितने लैम्प लगवाऊं ?कुशन किस आकृति के अच्छे लगेंगे ? आदि-आदि।
दोस्तों आपको बिना गणित (MATHS) को काम में लिए के इन प्रश्नों के उत्तर देने है। क्या
आप प्रिया की मदद कर सकते है ? आप चाहकर भी गणित को अपने उत्तर से नहीं हटा पाएंगे।
स्थिति-V (रसोई में सहायक)
रिया को घर में केक बनाना है। वह youtube पर विडिओ देखकर सारी सामग्री को सही-सही
मात्रा में प्रयोग में लेती है। सही मात्रा में डालने के कारण उसका केक बहुत अच्छा बना है।
क्या आप सोच सकते है कि अगर सही मापने की सोच रिया में विकसित ही ना होती तो क्या
होता ?
और रिया की मम्मी भी बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है। क्योंकि वह सभी मिर्च-मसाले सही
अनुपात में डालती है। यह अनुपात का ज्ञान भी तो गणित (MATHS) की ही देन है ना ?
दोस्तों ऐसे ही ढेरों उदाहरण भरे पड़े है ,जो गणित की उपयोगिता को सिद्ध करते है। जैसे
- हमारे देश का बजट बिना गणित के सम्भव है क्या ?
- सोशल मिडिया -कितने views ? कितने likes ? कितना traffic ? सब आंकड़े गणित के ही तो है।
- शेयर मार्केट में आप गणित के ज्ञान के बगैर निवेश करने का सोच भी नही सकते।
- अस्पतालों की तो सारी जांचे ही गणित के बगैर अधूरी है।
- किसी भी परीक्षा में आपका परफॉरमेंस कैसा रहा ? कैसे पता करते हो ? Percentage से ही ना।
इनके अलावा समय का ज्ञान ,दूरी ,क्रिकेट के रन ,फुटबाल के गोल ,गाड़ी की रफ़्तार आदि सभी में
गणित (MATHS) ही तो छुपी है। यह तो चंद उदाहरण है। और भी बहुत कुछ है बताने को।
तो दोस्तों क्या अब भी आप सोचते है कि गणित क्यों जरुरी है ?
अब आपके दिमाग में भी कुछ उदाहरण जरूर घूम रहे होंगे। तो देर किस बात की? Comment करके
हमे जरूर बताएं।
‘जीवन का घड़ा भरे ,गिन-गिन एक-एक बून्द।
भगवन भी गिनती करें ,गणित बिन सब सून।।’
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