Story for kids in Hindi- बच्चों को कहानी के साथ साथ कुछ अच्छी सीख देने के लिए story for kids में हिन्दी कहानियां शुरु की जा रही है। आशा है आपको पसन्द आएगी।
बन्दर की सीख
एक समय की बात है। एक बहुत ही सुन्दर व हरा भरा जंगल था।
उस जंगल में बहुत से जानवर रहते थे। उन्हीं में से एक था मीकू बन्दर।
मीकू अन्य बन्दरों के साथ एक डाल से दूसरी डाल पर कूदता ,फल खाता और बहुत खुश रहता था। मीकू को जंगल से बहुत प्यार था।
एक बार जंगल में भयंकर अकाल पड़ा। बहुत से जानवर भूख-प्यास के कारण मारे गए।
मीकू के साथी बंदरों ने इस जंगल छोड़कर दूसरे जंगल जाने का निश्चय किया। पर मीकू ने उनके साथ जाने से मना कर दिया।
मीकू ने सभी को कहा कि “यह मेरी मातृभूमि है। इसने मुझे पाला-पोसा है।
आज जब इस पर विपदा आई है ,तो में इसे अकेले छोड़ के कैसे जा सकता हूँ ?”
सभी ने मीकू को बहुत समझाया पर वह नहीं माना। सभी बन्दर मीकू को वहीं अकेला छोड़ दूसरे जंगल में चले गए।
कुछ दिनों बाद मीकू ने देखा कि जंगल में कहीं भी पानी नहीं बचा है। प्यास के मारे मीकू का गला सूखने लगा।
उसने इधर उधर पानी की तलाश की। अचानक उसे गाँव की और जाने वाले रास्ते पर एक मटकी दिखी।
वह दौड़ता हुआ मटकी के पास पहुंचा ,पर उसकी ठोकर से मटकी टूट गई और सारा पानी गिर गया।
मीकू उदास मन से वहीं बैठ गया।
थोड़ी देर बाद मीकू ने देखा कि एक इन्सान बहुत ही जल्दबाजी में उसी की तरफ आ रहा है।
उस इन्सान ने जब बन्दर को वहां देखा तो उसने मीकू से पूछा कि
“तुम इस सूखे जंगल में क्या कर रहे हो ?”
मुझे बताओ ,मैं जानवरो की भाषा समझता हूँ।
मीकू ने उस इन्सान को अपनी पूरी कहानी सुनाई और कहा कि
“मैं अपनी मातृभूमि को फिर से पहले जैसा देखना चाहता हूँ, पर मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूँ।
इसलिए मैं यहीं अपने प्राण त्याग देना चाहता हूँ। “
यह सब सुन उस इन्सान की आँखों में आंसू आ गए।
उसने मीकू से कहा कि तुमने तो मेरी आँखे खोल दी।
मैं कुछ रुपयों के लिए अपनी मातृभूमि के साथ गद्दारी करने जा रहा था।
मैं कुछ गुप्त सूचनाऐं आतंकवादियों को देने जा रहा था ताकि वो हमले की तैयारी कर सके।
अगर तुम जानवर होकर अपनी मातृभूमि के लिए प्राण त्यागने के लिए तैयार हो ,तो मैं तो एक इन्सान हूँ।
उसने मीकू को पानी पिलाया और कहा कि मैं जल्द ही तुम्हारे पास वापस आऊँगा।
वह भागकर पुलिस के पास चला गया। उसने पुलिस को सारी बाते बताई और उन आतंकवादियों को पकडवा दिया।
सरकार ने खुश होकर उस इन्सान को जब इनाम देना चाहा ,तो उसने कहा कि
इस इनाम का असली हकदार तो वह बन्दर है जिसने मेरी आँखे खोल दी। हमें उसकी मदद करनी चाहिए।
कुछ ही समय में उस इन्सान ने प्रशासन की मदद से उस जंगल को फिर से हरा भरा कर दिया।
मीकू के सभी साथी फिर से जंगल में लौट आए और सभी फिर से खुशी खुशी रहने लगे।
सीख – अपनी जन्मभूमि व माता -पिता का सदैव सम्मान करना चाहिए।
आपको यह कहानी कैसी लगी comment करके जरुर बताए ताकि हम story for kids में ओर कहानियाँ डालने के लिए प्रेरित हो सकें।
Nice story
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